Rekha mishra

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लेखनी कहानी -03-Jan-2022

                    मिन्नतों से 

मिन्नतों से किसी का ख्वाब देखा। 
वो भी बिखर गया, 
नींद हमारी कच्ची थी। 
देख रहे थे सपना हम, 
लग रही कहानी सच्ची थी। 
उस कहानी का किरदार तुम थे, 
एक ये बात सबसे अच्छी थी। 
हम चाहते नहीं थे नीद से उठना। 
ये हमारी गलती थी। 
ख्वाब भी टूटा, 
तुम्हारा साथ भी छुटा। 
जागने से तो नींद हमारी 
Ac

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1 Comments

Swati chourasia

03-Jan-2022 03:26 PM

Nice

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